रतन टाटा Image Credit source: Brian Harkin/Getty Images
टाटा संस के पूर्व चेयरमैन उद्योगपति रतन टाटा को ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. रतन टाटा का ब्लड प्रेशर डाउन हो गया था, लो बीपी के चलते उनकी तबीयत बिगड़ गई थी. फिलहाल हार्ट रोग विशेषज्ञ डॉ. शारुख अस्पी गोलवाला की निगरानी में उनका इलाज चल रहा है. रतन टाटा की हालत स्थिर है. सोशल मीडिया पोस्ट में उन्होंने कहा कि वह सामान्य जांच के लिए अस्पताल आए थे. घबराने वाली कोई बात नहीं है.
रतन टाटा को लो बीपी के बाद अस्पताल लाया गया था. ऐसे में यह जानना जरूरी है कि लो बीपी क्यों होता है और बढ़ती उम्र में इसका रिस्क ज्यादा क्यों हो जाता है. इस बारे में एक्सपर्ट्स से जानते हैं.
हार्डिंग अस्पताल में मेडिसिन विभाग के डॉ. अशोक अग्रवाल बताते हैं कि बढ़ती उम्र में कई बीमारियों का खतरा रहता है. लो ब्लड प्रेशर भी ऐसी ही एक समस्या है. लो बीपी को मेडिकल की भाषा मे हाइपोटेंशन कहा जाता है. हाइपोटेंशन के कारण शरीर पर कई तरह से असर होता है. वैसे ये परेशानी कम उम्र में भी होती है, लेकिन बुजुर्गों को इसका रिस्क अधिक होता है.
बढ़ती उम्र में बीपी क्यों हो जाता है कम?
डॉ अशोर कहते हैं किब्लड प्रेशर अगर 90/60 mm Hg से कम हो जाता है तो इसको लो बीपी की समस्या कहते हैं. जब ब्लड प्रेशर लो हो जाता है तो इससे हार्ट के फंक्शन पर असर पड़ता है. हार्ट सही तरीके से खून को पंप नहीं कर पाता है. इससे शरीर के अंगों में ब्लड सप्लाई ठीक तरीके से नहीं हो पाती है. इससे कई अंगों पर एक साथ असर पड़ सकता है, लेकिन यह सब होने की आशंका तभी रहती है जब बीपी काफी समय तक लो रहे और इसपर ध्यान न दें.
डॉ. अशोक कहते हैं कि ब्लड प्रेशर कम होने के भी कई कारण होते हैं. बढ़ती उम्र में ये एक आम समस्या है. कुछ मामलों में शरीर में पानी की कमी , थाइराइड की बीमारी और किसी प्रकार का मानसिक तनाव भी बीपी लो होने का कारण बन सकता है. कुछ लोगों में बिना किसी लक्षण के ही बीपी अचानक गिर जाता है. इस स्थिति में व्यक्ति को चक्कर आने लगते हैं और वह बेहोश होकर गिर सकता है. लो ब्लड प्रेशर ऐसी समस्या है जो तुरंत खत्म नहीं होती है. इसको केवल कंट्रोल किया जा सकता है.
लो ब्लड प्रेशर के क्या हैं लक्षण?
चक्कर आना
बेहोशी
मतली उल्टी
विजन धुंधला होना
सांस लेने में समस्या,
अत्यधिक थकान, कमजोरी और कंफ्यूजन