मंकीपॉक्स वायरस क्या गर्भवती महिलाओं से बच्चे में फैल सकता हैImage Credit source: Oscar Wong/ Getty Images
देश में मंकीपॉक्स वायरस का एक केस मिलने से चिंताएं बढ़ गई है. सब के मन में इस वायरस को लेकर काफी सवाल है, कि क्या ये वायरस कोरोना की तरह खतरनाक और संक्रामक होगा या नहीं. साथ ही गर्भवती महिलाओं को इससे कितना खतरा है और क्या होने वाले बच्चे को ये वायरस प्रभावित कर सकता है. आइए इन्हीं सवालों के जवाब जानते हैं एक्सपर्ट्स से.
गर्भवती महिलाओं से बच्चे को खतरा
दुनियाभर में मंकीपॉक्स वायरस के केस बढ़ रहे हैं. ये वायरस गर्भवती महिलाओं को भी हो सकता है. एक्सपर्ट्स बताते हैं कि अगर महिला गर्भवती है और उसका संक्रमण होता है तो यह वायरस मां से उसके होने वाले बच्चे में भी ट्रांसफर हो सकता है. अगर ऐसा होता है तो बच्चे की गर्भ में मृत्यु का खतरा रहता है. हालांकि हर मामले में ऐसा नहीं होता है, लेकिन फिर भी मंकीपॉक्स अगर गर्भवती महिला को हो गया है तो उसको तुरंत इलाज शुरू करा देना चाहिए.
गर्भपात का भी डर
ऐसे में जीटीबी हॉस्पिटल में गायनेकोलॉजी विभाग में डॉ. मंजू सेठ कहती हैं कि अगर मां इस वायरस से संक्रमित पाई जाती है तो उन्हें तुरंत अस्पताल में भर्ती होकर अपना इलाज करवाना चाहिए क्योंकि ये वायरस बच्चे की जान तक को खतरा पहुंचा सकता है और बच्चे की जान जा सकती है. इसलिए किसी भी तरह के लक्षण दिखाई देने पर अपना टेस्ट जरूर करवाएं, चूंकि प्रेगनेंसी के दौरान मां की इम्यूनिटी वीक हो जाती है तो वो ज्यादा एहतियात बरतें. ऐसे किसी भी व्यक्ति के संपर्क में न आएं जो विदेश से आया हो या फिर जिसे इस प्रकार के लक्षण दिखाई दे रहे हों.
मंकीपॉक्स के लक्षण
बता दें कि एमपॉक्स एक वायरस के कारण होने वाली बीमारी है. यह वायरस ऑर्थोपॉक्सवायरस नामक वायरस के समूह से संबंध रखता है. जिसके लक्षण संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने के 5 से 21 दिन में दिखाई देने शुरू हो जाते हैं. इसमें बुखार, सिरदर्द, मसल्स में दर्द, पीठ दर्द, सूजी हुई लिम्फ नोड्स, ठंड और थकावट जैसा महसूस हो सकता है. वही कुछ दिन बाद शरीर पर दाने उभरे हुए दिखाई दे सकते हैं, एमपॉक्स अधिक ज्यादा गंभीर हो जाए तो व्यक्ति की जान तक जा सकती है.
गर्भवती महिलाएं रखें अपना खास ख्याल
ये वायरस शरीर के तरल पदार्थों के माध्यम से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है, जिसमें संक्रमित व्यक्ति की त्वचा के घावों या पपड़ी के साथ सीधे संपर्क, इन घावों से आने वाले तरल पदार्थ या लार के संपर्क में आना. ऐसा होने से ये वायरस वायरस गर्भवती महिला से उसके बढ़ते बच्चे में भी जा सकता है. हालांकि अभी इसके ज्यादा मामले नहीं देखे गए हैं लेकिन गर्भावस्था के दौरान पुष्टि किए गए एमपॉक्स संक्रमण के कुछ मामलों में गर्भपात की सूचना मिली है गर्भावस्था के दौरान पुष्टि किए गए एमपॉक्स संक्रमण के कुछ मामलों में गर्भपात की जानकारी भी सामने आई है. इसके अलावा इसकी वजह से प्रीमैच्योर डिलीवरी का खतरा भी बढ़ जाता है यानी समय से पहले बच्चे का हो जाना भी इस वायरस के कारण हो सकता है.
अभी तक आए मामलों में प्रेगनेंसी के दौरान मां के इस वायरस से संक्रमण के बाद एक मृत जन्म और एक प्रीमैच्योर डिलीवरी का मामला सामने आया है जिसमें दोनों ही मामलों में बच्चों में एमपॉक्स का संक्रमण भी देखने को मिला है. साथ ही ये वायरस स्तनपान कराने वाली मांओं से बच्चे में भी फैल सकता है. इसलिए इस समय खास एतिहात बरतें और जितना हो सके बच्चे को इसके संक्रमण से बचाएं. इसलिए ठीक होने तक बच्चे को स्तनपान न कराएं.
क्या भारत में बढ़ सकते हैं मामले
वही बात भारत में बढ़ते इसके खतरे की कि जाए अभी जो मामला रिपोर्ट हुआ है उसमें इस वायरस का स्ट्रेन क्लेड 2 पाया गया है. ये वही स्ट्रेन है जिसके मामले 2022 में भी रिपोर्ट किए गए थे. पिछली बार भी ये भारत में ज्यादा घातक साबित नहीं हो पाया था ऐसे में आशंका यही है कि इस बार भी ये ज्यादा परेशान नहीं करेगा लेकिन ये जरूरी है कि इस वायरस को लेकर प्रशासन और लोग अलर्ट रहें.