आपको चीजें भूलने पर मजबूर कर सकता है जीवन में बढ़ता तनाव। तनाव का असर सीधा आपकी ब्रेन पर पड़ता है, और आपकी मेमोरी यानि की यादाश्त नकारात्मक रूप से प्रभावित हो सकती है।
इस भाग दौड़ भरी जिंदगी में स्ट्रेस यानि की तनाव एक आम समस्या बन चुकी है। ज्यादातर लोगों में मानसिक तनाव की शिकायत है। तनाव की स्थिति में शरीर में कोर्टिसोल (cortisol) नामक स्ट्रेस हॉर्मोन (stress hormone) रिलीज होते हैं, साथ ही शरीर के कई अन्य हॉर्मोन्स भी असंतुलित हो जाते हैं। इस स्थिति में मानसिक तथा शारीरक दोनों ही रूपों में सेहत को नुकसान होता है। वहीं तनाव का असर सीधा आपकी ब्रेन पर पड़ता है, और आपकी मेमोरी यानि की यादाश्त नकारात्मक रूप से प्रभावित हो सकती है।
क्रोनिक स्ट्रेस से पीड़ित लोगों में मेमोरी लॉस और मेमोरी संबंधी अन्य समस्याएं जैसे की डिमेंशिया और अल्ज़ाइमर्स का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए स्ट्रेस मैनेजमेंट बहुत जरुरी है, ताकि आपको आगे जा कर मेमोरी संबंधी समस्या परेशान न करे (stress effects on memory)।
डॉ. गौरव गुप्ता, (सी ई ओ ) और सीनियर मनोचिकित्सक, तुलसी हेल्थकेयर, नई दिल्ली ने मेमोरी पर तनाव के नकारात्मक प्रभाव बताए हैं, साथ ही उन्होंने तनाव पर नियंत्रण पाने और मेमोरी बूस्ट करने के कुछ टिप्स भी दिए हैं। यदि अपनी सभी मेमोरी को हमेशा याद रखना चाहती हैं, तो इस लेख को जरूर पढ़ें, साथ ही कम से कम स्ट्रेस लेने का प्रयास करें (stress effects on memory)।
जानें मेमोरी को किस तरह प्रभावित कर सकता है तनाव (stress effects on memory)
तनाव का मेमोरी पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है, अस्थायी और स्थायी दोनों तरह से। तीव्र तनाव के दौरान शरीर कोर्टिसोल और अन्य केमिकल्स रिलीज करता है, जो सतर्कता और ध्यान को बेहतर बना सकता है। दूसरी ओर, क्रोनिक स्ट्रेस का मानसिक स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। समय के साथ, कोर्टिसोल का हाई स्तर हिप्पोकैम्पस फ़ंक्शन को ख़राब कर सकता है, जो मेमोरी के निर्माण में शामिल एक महत्वपूर्ण मस्तिष्क क्षेत्र।
क्रोनिक स्ट्रेस संज्ञानात्मक कार्यों को नुकसान पहुंचाता है, जिससे ध्यान केंद्रित करना, चीजें सीखना और किसी भी जानकारी को बनाए रखना कठिन हो जाता है। यह मेमोरी के निर्माण में बाधा बन सकता है, जिससे चीजों को याद रखना अधिक कठिन हो जाता है, और छोटे छोटे महत्वपूर्ण डेटा के छूटने का जोखिम बढ़ जाता है।
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गंभीर स्थितियों में, तनाव लांग टर्म मेमोरी प्रॉब्लम का कारण बन सकता है, जैसे कि उम्र से संबंधित मेमोरी लॉस। इसके अलावा, तनाव से होने वाली चिंता मानसिक थकावट और टॉक्सिन्स पैदा करके मेमोरी समस्याओं को और खराब कर सकती है, जिससे कार्यों पर ध्यान केंद्रित करना अधिक कठिन हो जाता है। मेमोरी और संज्ञानात्मक स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए रिलैक्सिंग टेक्निक्स और संतुलित जीवनशैली के माध्यम से स्ट्रेस मैनेजमेंट की आवश्यकता होती है।
अब जानें स्ट्रेस को मैनेज कर मेमोरी बूस्ट करने के टिप्स
1. शरीर को सक्रिय रखने का प्रयास करें
शारीरिक गतिविधि आपको अधिक सतर्क महसूस करने मैं मदद करती है, साथ ही थकान को कम कर देती है। एरोबिक एक्सरसाइज तनावग्रस्त लोगों में याददाश्त में सुधार कर सकता है। स्वास्थ्य और मानव सेवा विभाग हर हफ़्ते कम से कम 150 मिनट की मध्यम एरोबिक गतिविधि या 75 मिनट की इंटेस एरोबिक गतिविधि में भाग लेने की सलाह देता है।
2. माइंडफुलनेस का अभ्यास करें
माइंडफुलनेस आपको प्रेजेंट की चीजों पर ध्यान केंद्रित करने में मदद करता है। इस प्रकार आप आप भविष्य में वर्तमान की सभी चीजों को याद रखने में सक्षम होती हैं।
3. डीप ब्रीदिंग एक्सरसाइज
गहरी सांस लेने से आपको चिंता और अति उत्तेजना को कम करने में मदद मिलती है। आप एक पेस्ड ब्रीदिंग तकनीक आज़मा सकती हैं, जिसमें चार की गिनती तक सांस लेते हैं, दो की गिनती तक रोकते हैं, और चार की गिनती तक सांस छोड़ते हैं।
4. पर्याप्त नींद लें
याददाश्त को मजबूत करने के लिए और तनाव पर नियंत्रण पाने के लिए, नींद बहुत ज़रूरी है।वहीं आपको पूर्ण रूप से गहरी नींद में सोने की आवश्यकता होती है। यह आपकी याददाश्त के लिए बेहद महत्वपूर्ण होता है। ज़्यादातर यंगस्टर को हर रात 7.5 से 9 घंटे की नींद लेने की सलाह दी जाती है।
5. डार्क चॉकलेट खाएं
डार्क चॉकलेट में पाए जाने वाले कोको फ्लेवोनोइड्स ब्रेन के कामकाज को बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं। इसके अलावा डार्क चॉकलेट को मूड बूस्टिंग फूड के रूप में जाना जाता है। तनाव में इसके सेवन से आपके मन को शांति महसूस होती है, यह मेमोरी और स्ट्रेस दोनों के लिए बेहद फायदेमंद है।
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