भारत में मंकीपॉक्स वायरस के सबसे खतरनाक क्लेड 1b स्ट्रेन की हुई एंट्रीImage Credit source: nopparit/Getty Images
9 सितंबर को देश में मंकीपॉक्स वायरस का पहला मामला रिपोर्ट किया गया था. बाहर से आए एक शख्स में हल्के लक्षणों के बाद उसे दिल्ली के एक सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उसके मंकीपॉक्स वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई. इससे पहले भी देश में मंकपॉक्स के मामले रिपोर्ट होते रहे हैं लेकिन तब मंकीपॉक्स वायरस का स्ट्रेन क्लेड 2 मिला था जो कि ज्यादा खतरनाक नहीं था, लेकिन अब जो मामला देश में रिपोर्ट किया गया है उसमें मंकीपॉक्स वायरस का सबसे खतरनाक स्ट्रेन क्लेड 1b पाया गया है. एक्सपर्ट इस स्ट्रेन को सबसे संक्रामक और खतरनाक बता रहे हैं.
इस खतरनाक स्ट्रेन का सबसे पहला मामला केरल में रिपोर्ट किया गया है, बताया जा रहा है कि ये वायरस बहुत तेजी से फैलता है और मध्य पूर्वी देशों में ये कुछ ही दिनों में करीब 17 देशों में फैल चुका है. इसकी संक्रामकता को देखते हुए ही डब्ल्यूएचओ ने इसे हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दिया है. केरल में 38 वर्षीय व्यक्ति में इस क्लेड 1b की पुष्टि हुई है. बताया जा रहा है कि हाल ही में ये व्यक्ति विदेश यात्रा से लौटा था. इस मामले की पुष्टि के बाद राज्य सरकार और स्वास्थ्य विभाग अलर्ट पर है और हर संभव एतिहात बरती जा रही है. फिलहाल व्यक्ति को अस्पताल में आइसोलेशन में रखा गया है और उसका इलाज जारी है. इस व्यक्ति के संपर्क में आने वाले हर शख्स की ट्रेसिंग और टेस्टिंग की जा रही है ताकि इस वायरस के फैलने पर रोक लगाई जा सके.
क्या कह रहे हैं जानकार
हेल्थ एक्सपर्ट्स का मानना है कि ये स्ट्रेन अन्य स्ट्रेन के मुकाबले खतरनाक हो सकता है और ये कितना संक्रामक है ये तो आने वाले दिनों में ही बता लग पाएगा, लेकिन लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है, किसी भी तरह के लक्षण दिखने पर तुरंत टेस्ट करवाएं. इसके लक्षण कोविड की ही तरह दिखाई देते हैं जिसमें व्यक्ति को सबसे पहले बुखार, खांसी, सिरदर्द, उल्टी, मतली की शिकायत होती है जिसके बाद मरीज के शरीर पर पानी भरे दाने निकलने लगते हैं. ऐसे मेें इसे सीजनल फ्लू न मानकर लापरवाही न बरतें.
इस वायरस से संक्रमित व्यक्ति को मांसपेशियों में दर्द की शिकायत हो सकती है इसके साथ ही मरीज थकान और कमजोरी महसूस कर सकता है. लक्षण गंभीर होने पर मलाशय में सूजन आने से यूरिन पास करने में भी परेशानी आ सकती है. ऐसे में व्यक्ति को समय रहते अस्पताल में भर्ती करवाना बेहद जरूरी है.
कैसे फैलता है ये वायरस
ये वायरस संक्रमित व्यक्ति के घाव और दानों में से रिसने वाले लिक्विड से फैलता है, ऐसे में संक्रमित व्यक्ति के छुई चीजों के इस्तेमाल करने से इसके फैलने के चांसेज ज्यादा बढ़ जाते हैं. इसलिए संक्रमित व्यक्ति की इस्तेमाल की गई चीजों को न छुएं और पूरी एतिहात बरतें.
कितना खतरनाक है ये स्ट्रेन
देश में मिला स्ट्रेन क्लेड 1b पहले मिले स्ट्रेन से ज्यादा खतरनाक है.
– ये स्ट्रेन स्किन के साथ साथ श्वसन तंत्र पर भी हमला करता है, इस स्ट्रेन से मरीज को निमोनिया जैसी बीमारी होने का खतरा ज्यादा है.
– इस स्ट्रेन से संक्रमित मरीजों की मृत्यु दर 10 फीसदी तक पहुंच गई है जो कि काफी चिंताजनक है. ऐसे में इस स्ट्रेन से बचाव ही बेहतर है.