उम्र बढ़ने के साथ पैर और घुटने जाम होने लगते हैं। ऐसे में जमीन पर बैठ कर योग कर पाना मुश्किल हो जाता है। अगर आपको भी उठने-बैठने में दिक्कत होती है तो चेयर पर बैठकर भी योगाभ्यास कर सकते हैं। जी हां कुर्सी पर बैठकर आप तमाम योगासन कर सकते हैं। यहां तक कि सूर्य नमस्कार भी कर सकते हैं। ओल्ड एज में जब लोगों के लिए जमीन पर बैठकर योग करना संभव नहीं हो पाता ये ‘चेयर योग’ उन्ही का सहारा है। सीनियर सिटीजन के लिए कुर्सी पर योगा संजीवनी साबित होगा। घर हो या ऑफिस आप कही भी कुर्सी पर बैठकर कुछ देर ये योगाभ्यास कर सकते हैं। आइये बाबा रामदेव से जानते हैं कि कौन से योगाभ्यास चेयर पर बैठकर किए जा सकते हैं और बढ़ती उम्र के साथ बीमारियों के खतरे को कैसे कम किया जा सकता है?
चेयर योग में क्या क्या कर सकते हैं?
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प्राणायाम- चेयर योग में प्राणायाम आसानी से किया जा सकता है। प्राणायाम में आप कलापभाति, अनुलोम विलोम और भस्त्रिका प्राणायाम कर सकते हैं। प्राणायाम को फेफड़ों के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है। इससे शरीर के अंदर प्राण ऊर्जा बढ़ती है। नियमित रुप से प्राणायाम करके कई बीमारियों से बचा जा सकता है।
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चेयर भस्त्रिका- इसे 3 तरह से किया जाता है। पहले 5 सेंकड में सांस ले और 5 सेंकड में सांस छोड़े। दूसरा तरीका है कि ढाई सेंकड सांस लें और ढाई सेंकड में छोड़ें। तीसरा तरीका है कि जितनी तेजी से हो सके सांस लें और उसी तेजी के साथ सांस छोड़ें। कुर्सी पर बैठकर ऐसा 5 मिनट तक करें। किडनी, लिवर और फेफड़ों के लिए ये फायदेमंद है। इससे दमा और सांस की बीमारी दूर होगी।
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चेयर उद्गीथ- इस प्राणायाम को करने के लिए शांत मन से ‘ऊं’ के उच्चारण करते हैं। आप इसे चेयर पर बैठकर आसानी से कर सकते हैं। उद्गीथ प्राणायाम से नर्वस सिस्टम बेहतर होता है। इससे इम्यूनिटी बढ़ती है और मन शांत होता है। हाई बीपी को कंट्रोल करने में मदद मिलती है।
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चेयर मंडूकासान- कुर्सी पर बैठकर आप मंडूक आसन भी कर सकते हैं। इसके लिए सांस को अंदर खीचें और फिर दोनों हाथों से मुट्ठी बनाकर पेट में नाभी के पास लगाते हुए पेट को अंदर की ओर दवाएं। गर्दन को झुकाते हुए चिन से घुटनों को छूने की कोशिश करें। थोड़ी देर होल्ड करें और फिर उपर की ओर उठते हुए सांस छोड़ें। आप चाहें तो कुर्सी पर पैर फोल्ड करके मंडूक आसान का पोज बना सकते हैं।