छोटे बच्चों में खतरनाक हो सकता है डेंगू का बुखारImage Credit source: ER Productions Limited/Getty Images
मानसून शुरू होते ही बच्चों को मच्छरों से होने वाले बुखार होने का खतरा ज्यादा बढ़ जाता है और इनमें खासतौर पर छोटे बच्चे शामिल होते हैं. लेकिन मुश्किल ये हैं कि छोटे बच्चों में डेंगू के लक्षणों को पहचानना थोड़ा मुश्किल हो जाता है क्योंकि उनमें ये लक्षण लगभग फ्लू जैसे ही होते हैं और जब डेंगू बढ़ जाता है तो बच्चे के लिए खतरनाक बन जाता है. ऐसे में जरा सी लापरवाही बच्चे की जान को खतरा पैदा कर सकती है. इसलिए बच्चों में हल्के लक्षण दिखाई देने पर ही शिशु विशेषज्ञ से जरूर मिलना चाहिए.
कैसे करें छोटे बच्चों की देखभाल
डेंगू बुखार एडीज मच्छर के काटने से होता है ये एक वायरल संक्रमण है जो बड़ों के मुकाबले बच्चों के लिए ज्यादा खतरनाक होता है क्योंकि छोटे बच्चों की इम्यूनिटी कम होती है. इसमें बच्चे को तेज बुखार और स्कीन पर दाने आने शुरू हो जाते हैं. शुरूआत में ये बुखार आम बुखार की तरह दिखता है इसलिए इसे अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है लेकिन जब इसके लक्षण गंभीर होने शुरू होते हैं तो बच्चे की प्लेटलेट्स तेजी से कम होने लगती है और बच्चे में तेज बुखार के साथ साथ दौरों का असर भी देखा जा सकता है.
बच्चों में डेंगू की रोकथाम
हेल्थ एक्सपर्ट डॉक्टर समीर भाटी बताते हैं कि डेंगू का मच्छर घर के आसपास इकट्ठे हुए साफ पानी में पनपनता है, ऐसे में छोटे बच्चे इसका आसान शिकार होते हैं. इसलिए मानसून के समय खासतौर पर छोटे बच्चों का ध्यान रखना चाहिए. शाम के समय बच्चों को पूरी बांह के कपड़े पहनाएं और पैरों को भी पूरा ढककर रखें. साथ ही बच्चों को मच्छर भगाने वाली क्रीम भी लगाएं. आसपास साफ पानी इकट्ठा न होने दें और साफसफाई का विशेष ध्यान रखें.
डेंगू के लक्षण कैसे पहचानें
एफईएमएस इम्यूनोलॉजी और मेडिकल माइक्रोबायोलॉजी जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक छोटे बच्चों में डेंगू होने पर अक्सर मतली, उल्टी, दाने, तेज बुखार, दौरे और ब्लीडिंग जैसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं. ऐसे में शिशु रोग विशेषज्ञ कहते हैं कि इन लक्षणों को नजरअंदाज न करें और बच्चे को तुरंत अस्पताल में भर्ती करवाएं. चूंकि डेंगू में प्लेटलेट्स तेजी से कम होनी शुरू हो जाती है ऐसे में बच्चे की जान को खतरा हो सकता है. अस्पताल में बच्चे का अच्छा इलाज संभव है.
डेंगू का इलाज
बच्चे को अस्पताल में दवाईयों के माध्यम से बुखार कंट्रोल किया जाता है साथ ही अन्य लक्षणों पर भी निगरानी रखी जाती है. इसके अलावा बच्चे का बुखार कम करने के लिए ठंडे पानी की पट्टियां की जाती है ताकि बच्चे के शरीर का तापमान सामान्य रहे. बच्चे को हाइड्रेटि़ड रखने के लिए ग्लूकोज चढ़ाया जाता है साथ ही बच्चे की प्लेटलेट्स मॉनीटर की जाती हैं. बच्चे को डेंगू से ठीक होने में 1 से 2 हफ्ते का समय लग सकता है. जिसके बाद बच्चे के शरीर में कमजोरी बनी रह सकती है इसके लिए बच्चे को लिक्विड डाइट देते रहें साथ ही उसके खाने-पीने का ध्यान रखें.