एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में हो सकती है अल्जाइमर की बीमारीImage Credit source: Grafissimo/DigitalVision Vectors/Getty Images
हर बीमारी का हर किसी व्यक्ति में होने का अपना एक कारण है. हालांकि अगर बीमारी संक्रामक हो तो वो एक व्यक्ति से दूसरे में जल्दी फैलती है. आजकल ऐसी कई संक्रामक बीमारियां हो जो एक-दूसरे के संपर्क में आने से हो जाती हैं. ऐसे ही जेनेटिक बीमारी भी पीढ़ी दर पीढ़ी हो सकती है, जिसका संबंध आपके खूनी रिश्तों से होता है. अगर परिवार में किसी को कोई बीमारी है तो उसके चांसेस आपको होने के बढ़ जाते हैं लेकिन इन दोनों कारणों के अलावा कोई बीमारी किसी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलती.
लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि वैज्ञानिकों ने अल्जाइमर बीमारी का अध्ययन कर इसे लोगों के बीच में फैलता हुआ पाया है. ये पहली बार है जब वैज्ञानिकों ने जीवित व्यक्तियों में अल्जाइमर रोग का संचरण पाया है. नेचर मेडिसिन में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक इसे एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में ट्रांसमिटेड होता पाया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक सभी व्यक्तियों को उनके बचपन में ही ह्यूमन ग्रोथ हार्मोन मिलता है जिसे कैडेवर डिराइव्ड ह्यूमन ग्रोथ हार्मोन कहते हैं, लेकिन जिस व्यक्ति में ये हार्मोन बिगड़ता है उनमें अल्जाइमर रोग होने का खतरा बढ़ जाता है.
कम उम्र में हो गई थी परेशानी
इस रिसर्च में उन लोगों को शामिल किया गया जिनमें इस हार्मोन से जुड़ा अपना इलाज करवाया था, इनमें से पांच व्यक्तिों को दिमाग से संबंधित परेशानियों की शिकायत हुई. इनमें न्यूरोलॉजिकल लक्षणों की शुरुआत बेहद कम उम्र में देखने को मिल गई. इन लोगों को पहली बार इस डिसऑर्डर की शिकायत 38 से 55 साल के बीच में हुई. हालांकि इस शोध के प्रमुख लेखक और यूसीएल इंस्टीट्यूट ऑफ प्रियन डिजीज के निदेशक प्रोफेसर जॉन कोलिंग ने साफ किया है कि इस रिपोर्ट में कहीं भी ऐसा सुझाव नहीं दिया गया है कि अल्जाइमर रोग दैनिक जीवन की गतिविधियों और नियमित मेडिकल चेकअप के दौरान व्यक्तियों के बीच फैल सकता है.
लगातार बढ़ रहे हैं इस बीमारी के मामले
अल्जाइमर रिसर्च यूके के सह-लेखक और मुख्य चिकित्सा अधिकारी प्रोफेसर जोनाथन शॉट ने इस बात को दोहराया है कि ये मामले बेहद असामान्य हैं, हालांकि ये इस बीमारी के अध्ययन में बेहद जरूरी जानकारी है. अध्ययन की पहली लेखिका डॉ. गार्गी बनर्जी ने साफ किया है कि हमने पाया है कि अमाइलॉइड-बीटा पैथोलॉजी का संचारित होना और अल्जाइमर रोग के विकास में योगदान देना संभव है.
2020 में, लगभग 5.8 मिलियन अमेरिकी अल्जाइमर रोग के साथ जी रहे थे. कम उम्र के लोगों को भी ये बीमारी हो सकती है. इस बीमारी से पीड़ित लोगों की संख्या 65 साल की उम्र के बाद हर 5 साल में दोगुनी हो जाती है. यह संख्या 2060 तक लगभग तीन गुना होकर 14 मिलियन लोगों तक पहुंचने का अनुमान है. बीमारी के लक्षण पहली बार 60 साल की उम्र के बाद दिखाई दे सकते हैं, और उम्र के साथ जोखिम बढ़ता जाता है. हालांकि वैज्ञानिक आज तक इस बीमारी का सही कारण नहीं जान पाए हैं. ये प्रत्येक व्यक्ति को अलग-अलग तरह से प्रभावित कर सकता है. लेकिन एक स्वस्थ जीवनशैली इस बीमारी के खतरे को कम कर सकती है. इसमें पौष्टिक आहार, पर्याप्त शारीरिक गतिविधि, सीमित शराब का सेवन इस बीमारी से बचाव में सहायक है.